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आगामी/ वर्तमान आयोजन

Title Date & Time Documents
First World Solar Technology Summit to be inaugurated by H.E. Narendra Modi, Hon’ble Prime Minister of India Start Date & Time: 8th September’ 20 at 4:30 PM IST Final WSTS Concept Paper Website
End Date & Time: 8th September’ 20 at 9:30 PM IST Participants Invitation Letter ISA
Provisional Agenda WSTS 23.08.2020 DG Updated

पूर्व आयोजन


ईईएसएल ने भारत को ऊर्जा दक्ष बनाने की दिशा में सफलतापूर्वक एक दशक की यात्रा पूरी की
नई दिल्ली, 24 फरवरी 2020

  • पूरे भारत में 10 लाख स्मार्ट मीटर लगाने की घोषणा
  • स्मार्ट मीटर राष्ट्रीय कार्यक्रम, राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कार्यक्रम और सौर परियोजनाओं, उनके कार्यान्वयन और प्रभाव की वास्तविक समय की प्रगति को प्रदर्शित करने के लिए डैशबोर्ड की शुरूआत
  • महाराष्ट्र में कृषि फीडरों से जुड़े 100 मेगावाट क्षमता की विकेंद्रीकृत सौर ऊर्जा संयंत्रों को शुरू करने की घोषणा
  • ईईएसएल कार्यक्रमों का एक एकीकृत मोबाइल एप्लिकेशन “ईके ईईएसएल” लॉन्च किया गया
  • थाईलैंड में एसएमई के लिए ऊर्जा दक्षता उपायों के कार्यान्वयन और उसे लागू करने की गति को आगे बढ़ाने के दिशा में संयुक्त प्रयासों के लिए पीईए-प्रांतीय ऊर्जा प्राधिकरण, गृह मंत्रालय, रॉयल थाई सरकार के साथ ईईएसएल ने साझेदारी की।
  • सौर समाधान

ईईएसएल ने भारत में और विश्व स्तर पर ऊर्जा दक्षता कार्यक्रमों को बढ़ाने की दिशा में 10 साल पूरे किये हैं। ऊर्जा दक्षता की संभावनाओं को देखते हुए वर्ष 2009 में स्थापित, ईईएसएल द्वारा कार्यान्वित की गई पहल ने 58 अरब से अधिक किलोवाट प्रतिघंटे की ऊर्जा बचत और पूरे विश्व में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 4.6 करोड़ टन से अधिक की कमी की है।

अपने 10 वर्षों में, ईईएसएल ने भारत, ब्रिटेन, मध्य पूर्व, दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया में फैले कार्यालयों के साथ तेजी से वृद्धि की है। ईईएसएल का राजस्व वित्त वर्ष 2013-14 के 26 करोड़ रुपये से 114.96 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर के साथ बढ़कर वित्त वर्ष 2018-19 में 2,565 करोड़ रुपये का हो गया। अपनी तीव्र वृद्धि के साथ, ईईएसएल का लक्ष्य अब अगले तीन वर्षों में 10,000 करोड़ रुपये की कंपनी बनना है।

माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विद्युत और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, श्री आर.के. सिंहश्री आर के सिंह ने ईईएसएल के पिछले अध्यक्षों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) को संगठन के विकास और विस्तार में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया। इस सम्मान समारोह में श्री संजीव नंदन सहाय, सचिव, विद्युत मंत्रालय, विभिन्न मंत्रालयों, राज्य सरकारों की बहुपक्षीय निकायों, उद्योग जगत और थिंक टैंक के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।


विषय: “उद्योगों के लिए एकीकृत ऊर्जा दक्षता समाधान” पर सम्मेलन
तिथि: 29 जनवरी, 2020
स्थान: ललित होटल, नई दिल्ली

ईईएसएल ने भागीदारी, सीखने और साझा करने के माध्यम से परिवर्तन को प्रभावित करने के उद्देश्य से सभी समान विचारधारा वाली संस्थाओं के समावेशी विकास के लिए “उद्योगों के लिए एकीकृत ऊर्जा दक्षता समाधान” पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इसका मुख्य उद्देश्य एक ऐसी व्यापक और स्थायी वैश्विक अर्थव्यवस्था है, जो हर जगह लोगों, समुदायों और बाजारों को स्थायी लाभ दे।p>

ईईएसएल के अनुभवों को साझा करने के लिए वैश्विक पर्यावरण सुविधा (जीईएफ) परियोजना के तत्वावधान में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सहयोग से ईईएसएल ने “उद्योगों के लिए ऊर्जा प्रबंधन समाधान” विषय पर एक सम्मेलन का आयोजन किया। यह सम्मेलन वैश्विक पर्यावरण सुविधा (जीईएफ), ‘संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनईपी) और ‘एशियाई विकास बैंक (एडीबी) द्वारा समर्थित है।

सम्मेलन के मुख्य उद्देश्य:

इस सम्मेलन का आयोजन राष्ट्रीय मोटर प्रतिस्थापन कार्यक्रम (एनएमआरपी), ऊर्जा प्रबंधन के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों और प्रगति के बारे में जानकारी प्रसारित करने, नवीनतम ऊर्जा बचत विचारों पर जानकारी प्रदान करने, वास्तविक कार्यान्वित मामला अध्ययनों के माध्यम से नवीन ऊर्जा बचत विचारों को बनाने के लिए प्रतिभागियों को विकसित करने तथा ऊर्जा संरक्षण गतिविधियों को सतत बनाए रखने के लिए प्रबंधकीय कौशल की आवश्यकता को बताने की योजना के साथ किया गया। सम्मेलन में साथ ही केस अध्ययनों को भी साझा किया गया ताकि अग्रणी संगठन द्वारा ऊर्जा संरक्षण परियोजनाओं को सफलतापूर्वक कैसे लागू किया गया, तांकि इस बारे में जानकारी हो।

सम्मेलन के दौरान चर्चा किए गए कुछ प्रमुख विषयों में निम्नलिखित विषय भी शामिल रहे:

    • राष्ट्रीय मोटर प्रतिस्थापन कार्यक्रम (एनएमआरपी)
    • सुपर-दक्ष एसी
    • ट्राइजेनरेशन
    • स्मार्ट मीटरिंग
    • इलेक्ट्रिक वाहन
    • सौर समाधान


ईईएसएल और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) ‘भारत में ई-मोबिलिटी को प्रोत्साहन – उत्तर प्रदेश’
तिथि: 30 जनवरी, 2020
स्थान: नई दिल्ली

एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) और अग्रणी वैश्विक पर्यावरण प्राधिकरण, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी), ने संयुक्त रूप से एक वर्षीय ‘सपोर्ट ई मोबिलिटी इन इंडिया- उत्तर प्रदेश” परियोजना का समापन किया।
इस परियोजना की अंतिम सत्यापन कार्यशाला नई दिल्ली में 30 जनवरी 2020 को आयोजित हुई, जिसमें विभिन्न सरकारी और निजी संगठनों के 70 से अधिक अधिकारी और प्रतिनिधि शामिल हुए। इस परियोजना ने ई मोबिलिटी को तेजी से अपनाने और को लागू करने में सहयोग दिया है। उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण और मोबिलिटी नीति 2019

इस सत्यापन कार्यशाला में, नोएडा प्राधिकरण की सीईओ सुश्री रितु माहेश्वरी द्वारा नोएडा में चार्जिंग
स्टेशन का ई-शुभारंभ किया गया। मसौदा परियोजना की रिपोर्ट “उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी: चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर और बिजनेस मॉडल” को भी लॉन्च किया गया।

एकदिवसीय इस कार्यशाला में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के वैश्विक प्रयासों, जीईएफ 7 इंडिया इलेक्ट्रिक मोबिलिटी परियोजना और किस तरह यह उत्तर प्रदेश को मदद पहुंचायेगी, ईवी चार्जिंग स्टेशनों के लिए कारोबारी मॉडल और डिलीवरी मॉडल का मामला अध्ययन और शहरों के नेतृत्व में ईवी चार्जिंग अवसंरचना में विकास के विषयों पर परस्पर संवादात्मक सत्रों का आयोजन हुआ। इस कार्यशाला में प्रमुख विशेषज्ञों, सरकारी विभागों के हितधारकों, निजी संगठनों, शिक्षाविदों, सलाहकारों, थिंक टैंक आदि ने एक संवादात्मक वातावरण में भाग लिया और राज्य में ईवी की मांग को बढ़ाने के लिए नीति और कार्यान्वयन के संदर्भ में मुख्य बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा हुई।

ईईएसएल और यूएनईपी ने एक साथ परामर्श सेवाओं के प्रावधान के लिए नीतिगत ढांचे के विकास, चार्जिंग अवसंरचना परियोजनाओं के डिजाइन और कार्यान्वयन में सहायता के लिए योजना बनाई है और इस प्रकार उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर ईवी वाहनों के उपयोग और विनिर्माण का समर्थन करते हैं।


ऊर्जा दक्षता में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी (इंस्पायर 2019)
मुम्बई, 11 नवंबर, 2019

  • ईईएसएल ने ट्राइजेनरेशन को लागू करने के लिए कैस्ट्रोल इंडिया लिमिटेड के साथ साझेदारी की।
  • ईईएसएल ने भारत में स्मार्ट मीटर के कार्यान्वयन के लिए नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इंवेस्टमेंट फंड के साथ संयुक्त उपक्रम इंटेलीस्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड का गठन किया और इंटलीस्मार्ट का लोगो लांच किया।
  • एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के परिसरों में ऊर्जा दक्ष इमारत कार्यक्रम को लागू करने के लिए उक्त बैंकों के साथ ईईएसएल ने साझेदारी की।
  • ‘ इनोवेट टू इंस्पायर 2019’ प्रतिस्पर्धा के विजेताओं की घोषणा

भारत में नवाचार को दिशा देने और उसे पोषित करने के अनुकूल वातावरण बनाने और वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में परिवर्तन में अपनी भूमिका को सफलतापूर्वक आगे बढाने के दृष्टिकोण के साथ मुम्बई में ‘ऊर्जा दक्षता में नवाचार और अनुसंधान’ को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी (इंस्पायर 2019) का चौथा संस्करण शुरू हुआ। इस दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन ईईएसएल द्वारा विश्व बैंक (वर्ल्ड बैंक), एशियाई विकास बैंक (एडीबी), यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) और विश्व संसाधन संस्थान, भारत (डब्ल्यूआरआई) के सहयोग से किया गया। नवाचार की थीम के आधार पर, इंस्पायर 2019 में इनोवेट टू इंस्पायर प्रतिस्पर्धा के दूसरे संस्करण के हिस्से के रूप में स्वच्छ ऊर्जा एवं ऊर्जा दक्षता में पांच परिवर्तनकारी नवाचारों को सम्मानित किया गया।

इंस्पायर 2019 का उद्घाटन, श्री संजीव नंदन सहाय, माननीय सचिव, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया गया। इस अवसर पर श्री डेमेट्रियोस पापनाथनसीउ, प्रबंधक, ऊर्जा और निष्कर्षण, ग्लोबल प्रैक्टिस साउथ एशिया क्षेत्र, विश्व बैंक, डॉ प्रियंता डीसी विजयतुंगा, निदेशक, दक्षिण-एशिया ऊर्जा प्रभाग, एडीबी, श्री कीथ ई सीमन्स, निदेशक, यूएसएआईडी, श्री गुरदीप सिंह, एनटीपीसी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, श्री याओ एकोव फिंकेलस्टाइन, महावाणिज्य दूत, इजरायल का महावाणिज्य दूतावास भी उपस्थित थे।


एक करोड़ एलईडी स्ट्रीट लाइट राष्ट्र को समर्पित
01 अक्टूबर 2019 | दिल्ली, भारत

भारत सरकार के स्ट्रीट लाइटिंग राष्ट्रीय कार्यक्रम (एसएलएनपी) के तहत, श्री आर.के. सिंह, माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, ने एक करोड़ स्मार्ट एलईडी स्ट्रीट लाइटें राष्ट्र को समर्पित कीं, जो भारत में 2.7 लाख किलोमीटर सड़कों को रोशन कर रही हैं। यह स्‍ट्रीट लाइट को बदलने का विश्व का सबसे बड़ा कार्यक्रम है, जिसे एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू -कश्मीर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, पुड्डुचेरी, पोर्ट ब्लेयर, लक्षद्वीप और राजस्थान में एक करोड़ स्मार्ट एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं जिससे देश में करीब 13,000 व्यक्तियों के रोजगार सृजन में मदद मिल रही है।.

एक करोड़ एलईडी स्ट्रीटलाइट लगाने से 6.71 अरब किलोवाट प्रति घंटे की वार्षिक ऊर्जा बचत हुई है और 1,119.40 मेगावाट पीक डिमांड कम हुई है। इससे प्रतिवर्ष कार्बन उर्त्सजन में 46.3 करोड़ टन की कमी आई है।

मार्च 2020 तक, एसएलएनपी का लक्ष्य भारत में 1.34 करोड़ पारंपरिक स्ट्रीटलाइट्स की जगह स्मार्ट एलईडी लगाना है। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य से जबरदस्त बदलाव आयेगा। इससे पीक डिमांग में 1500 मेगावाट कमी आयोगी, नौ अरब किलोवाट की वार्षिक ऊर्जा बचत होगी और प्रति वर्ष कार्बन उर्त्सजन में 62 लाख टन की कमी आयोगी। ईईएसएल की अगले 4-5 वर्षों के लिए इस पोर्टफोलियो में एक महत्वाकांक्षी योजना है, जहां यह संपूर्ण ग्रामीण भारत को कवर करके वर्ष 2024 तक 8,000 करोड़ रुपये के निवेश को लाने का इरादा रखता है। यह उम्मीद है कि ईईएसएल तीन करोड़ से अधिक एलईडी स्ट्रीटलाइट्स को रेट्रोफिटेड/इंस्टॉल करेगा।

इन ऊर्जा दक्ष एलईडी स्ट्रीटलाइट्स का लोकार्पण समारोह विद्युत मंत्रालय, लाइटिंग उद्योग, नगर निगम आयुक्तों, राज्य के शहरी स्थानीय निकायों के उच्च स्तरीय गणमान्य व्यक्तियों तथा मीडिया की उपस्थिति में हुआ।


पश्चिम बंगाल में एलईडी स्ट्रीट लाइट का लोकार्पण समारोहl
22 अगस्त 2019 | कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत

माननीय शहरी विकास और नगर मामलों के मंत्री, पश्चिम बंगाल सरकार, श्री फ़रहाद हकीम ने पश्चिम बंगाल सरकार के ग्रीन सिटी मिशन के हिस्से के रूप में 60,000 एलईडी स्ट्रीटलाइट्स राज्य के लोगों को समर्पित किए। ये एलईडी स्ट्रीट लाइटें एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) द्वारा निम्नलिखित उद्देश्य के साथ बांकुरा, बेलडांगा, बजबज और खोरदा जिले में लगायी जा रही हैं:

  • स्मार्ट एलईडी स्ट्रीटलाइट्स शहरी स्थानीय निकायों के ऊर्जा बिल में 30-50 प्रतिशत तक कम करने में मदद करेगी और इस प्रकार राज्य के ग्रीन सिटी मिशन को बढ़ावा मिलेगा। इससे कार्बन उत्सर्जन में भी उल्लेखनीय कमी आएगी।
  • शहरी विकास और नगरपालिका मामलों के विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार ने स्मार्ट एलईडी स्ट्रीटलाइट्स को लगाने के लिए एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड को निर्देश दिया है।
  • पहले चरण में, बांकुरा, बेलडांगा, बज बज, खोरदा और दुर्गापुर में लगभग 60,000 एलईडी लाइटें लगाई जा रही हैं।
  • इन 60,000 एलईडी लाइट्स से कार्बन उत्सर्जन में 8,500 मीट्रिक टन की कमी आएगी और सालाना 1.22 करोड़ यूनिट बिजली की बचत होगी।

ईईएसएल ने ई-वाहन को बढ़ावा देने और लगभग 100 चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए नोएडा के साथ समझौता ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर किए
25 जुलाई 2019 | नोएडा

एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) ने न्यू ओखला इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (नोएडा) के साथ एक समझौता ज्ञापन पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह एमओयू इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने और लगभग 100 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए किया गया है। इस एमओयू के तहत ईवी की सुदृढ़ अवसंरचना को प्रोत्साहित किया जायेगा, जिससे नोएडा में ई-मोबिलिटी को अपनाने की गति में तेजी आयेगी।

श्री सौरभ कुमार, प्रबंध निदेशक, ईईएसएल और श्रीमती रितु माहेश्वरी, सीईओ, नोएडा ने श्री आलोक टंडन, अध्यक्ष नोएडा की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

ईईएसएल योग्य मानव संसाधन के सहयोग से सार्वजनिक चार्जिंग बुनियादी ढांचे के संचालन और रखरखाव करने के साथ एमओयू से संबंधित सेवाओं पर संपूर्ण अग्रिम निवेश करेगा। नोएडा की जिम्मेदारी स्थान मुहैया कराना और चार्जिंग अवसंरचना के लिए अपेक्षित बिजली कनेक्शन मुहैया कराने की होगी। इस पहल के तहत प्रत्येक ई-कार से प्रति वर्ष कार्बन उर्त्सजन में 4.04 टन से अधिक की बचत होने का अनुमान है।


गुजरात के सूरत में जीईएफ -5 परियोजना के तहत प्रौद्योगिकी के सफल प्रदर्शन पर कार्यशाला 22 मई, 2019 |सूरत

ईईएसएल ने संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (यूएनआईडीओ) और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के साथ, सूरत (कपड़ा) क्लस्टर के लिए शहर में ऊर्जा दक्ष प्रौद्योगिकी पर एक प्रौद्योगिकी प्रसार कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में रेसिप्रोकेटिंग एयर कंप्रेशर या पिस्टन कंप्रेशर के स्थान पर स्थायी मैग्नेट मोटर के साथ वैरिएबल फ्रीक्वेंसी ड्राइव (वीएफडी) को बदलने का प्रदर्शन किया गया। इस प्रौद्योगिकी में सूरत क्लस्टर में करीब 20 करोड़ रुपये की निवेश क्षमता है। इसमें करीब 1.1 करोड़ यूनिट की बिजली बचत की क्षमता है जिससे क्लस्टर में प्रतिवर्ष कार्बन उर्त्सजन में करीब 9,000 टन की कमी आयेगी। यह क्लस्टर के लिए चिह्नित पांच प्रौद्योगिकियों में से एक है।


ऊर्जा दक्षता में नवाचार और शोध को बढावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी (इंस्पायर -2018)

भविष्योन्मुख ऊर्जा दक्ष प्रौद्योगिकियों, नीतियों और वित्त पोषण तंत्र में नवाचार और क्रियान्वयन को प्रदर्शित करने एवं उसे प्रोत्साहित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सभा का आयोजन।

11-13 नवंबर, 2018
द ललित होटल, नई दिल्ली, भारत

जैसे-जैसे ऊर्जा बाजार विकसित होते हैं, तो बिग डेटा, आईओटी और ब्लॉक चेन के क्षेत्र के माध्यम से नए नवाचारी साधन आते हैं, और मुख्यधारा बन जाते हैं। ऊर्जा दक्षता उपायों का लागू करने में इतनी गति लायी जा सकती है,जो दुनिया ने अब तक नहीं देखी है। इस पृष्ठभूमि में, ईईएसएल, विश्व बैंक और विश्व संसाधन संस्थान (डब्ल्यूआरआई) के साथ-साथ हमारे सहायक संगठनों के साथ मिलकर ऊर्जा दक्षता में नवाचार और शोध को बढावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी (इंस्पायर -2018) को पेश करते हैं। नवाचार की थीम पर केंद्रित, इंस्पायर 2018 सीखने और सहयोग के लिए एक अनूठा मंच होगा, जो ऊर्जा नीतियों, बाजार परिवर्तन रणनीतियों और प्रौद्योगिकी तथा कारोबारी मॉडल आधारित परिवर्तनों पर चर्चा के लिए देश-विदेश के अलग-अलग क्षेत्रों के प्रमुख नीति-निर्माताओं, प्रभाव उत्पन्न करने वालों, नवप्रवर्तनकर्ताओं, बुद्धिजीवियों, शोधकर्ताओं, प्रमुख ऊर्जा-दक्षता कंपनियों, सरकारी एजेंसियों, बिजनेस लीडर और हितधारकों को एक साथ लायेगा। आयोजन और सत्र के बाद की नेटवर्किंग के दौरान इनके संयोजन में नए सहयोग और सार्वजनिक निजी भागीदारी के लिए जबरदस्त क्षमता है।

 

2018 के बारे में अधिक जानने और आयोजन के लिए पंजीकरण करने के लिए, कृपया http://inspire.innovatetoinspire.in पर लॉग इन करें।

 


इनोवेट टू इंस्पायर इनोवेशन चैलेंज 2018
21 अगस्त 2018- 12 अक्टूबर 2018

चैलेंज के लिए http://innovatetoinspire.in पर आवेदन करें।

भारत की ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण महत्वाकांक्षाएं हैं। भारत का लक्ष्य वर्ष 2030 तक अपने उत्सर्जन लक्ष्य को 33-35 प्रतिशत तक कम करना है – जो विकासशील देशों में सबसे अधिक है – और गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित बिजली की हिस्सेदारी को 40 प्रतिशत तक बढ़ाना है।

इन स्थिर लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए, नई तकनीकों और दृष्टिकोणों को लागू करने की आवश्यकता है। एक राष्ट्र के रूप में, भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन और ऊर्जा दक्षता को अपनाने में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा कुल घरेलू ग्रिड का आठ प्रतिशत रही है और वर्ष 2005-06 से वर्ष 2015-16 के बीच देश की ऊर्जा तीव्रता यानी एनर्जी इंटेसिटी 58 प्रतिशत घटी है।

हालांकि, इन दोनों क्षेत्रों में प्रभावशीलता कई विशिष्ट चुनौतियों से बाधित है। हालांकि, नवीकरणीय ऊर्जा, जो ऊर्जा का एक स्वच्छ रूप है, वह क्रमिक बिजली पहुंच प्रदान करती है और इसलिए इससे पारेषण ग्रिड के प्रभावित होने का खतरा है। भारत में वर्ष 2040 तक ऊर्जा खपत में 165 प्रतिशत की बढोतरी की संभावना है, लेकिन यहां ऊर्जा दक्षता का विकल्प खास उपकरणों और संस्थानों तक ही सीमित है। लक्षित नवाचार प्रौद्योगिकियां, प्रक्रियाओं और कारोबारी मॉडल, जो विकास की महत्वाकांक्षाओं को संतुलित करते हुए स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति और जिम्मेदार खपत को बनाए रख सकते हैं, के लिए हस्तक्षेप क्षमता न केवल महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत जैसे विकासशील देशों के लिए अति महत्वपूर्ण है जिन्हें जलवायु परिवर्तन के बोझ का खामियाजा भुगतना पड़ता है।

स्वप्नद्रष्टाओं, काम करने वालों, नवाचार करने वाले, अन्वेषकों, मार्गदर्शकों, पथप्रदर्शकों, परिवर्तनकारियों और उद्यमियों को इस आंदोलन को गति लेने के लिए आमंत्रित करके, ईईएसएल और विश्व संसाधन संस्थान को “इनोवेट टू इंस्पायर चैलेंज 2018’ का आयोजन करने पर गर्व है।


अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस – 2018
21 जून 2018

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस,2018, योग के प्रचार के लिए समर्पित सभी संगठनों को आगे आने और आम जनता के बीच योग के नियमित अभ्यास के फायदे के बारे में बताने के लिए एक अवसर प्रस्तुत करता है। योग के नियमित अभ्यास से हर व्यक्ति को स्वास्थ्य, खुशी और उनकी बेहतरी का दीर्घकालिक लाभ होता है।

सामान्य योग प्रोटोकॉल (सीवाईपी)

हम सभी जानते हैं कि 21 जून को मनाये जाने वाले अंतराष्ट्रीय योग दिवस का जोर सामंजस्यपूर्ण सामूहिक योग प्रदर्शनों पर है, जिसमें दुनिया भर में हजारों स्थानों पर लाखों लोग भागीदारी लेते हैं। जब लोगों की भागीदारी इतने बड़े पैमाने पर होती है और प्रदर्शन सद्भावपूर्ण है, तो इसके पीछे कुछ गंभीर योजना होनी चाहिए। भारत के कुछ सबसे योग्य योग गुरु इस मुद्दे को संबोधित करने के लिए एक साथ आए। उन्होंने इस उद्देश्य के लिए कॉमन योग प्रोटोकॉल (सीवाईपी) विकसित किया, जो 45 मिनट की अवधि के योग आसनों का एक निर्दिष्ट क्रम है।
इस प्रोटोकॉल का हिस्सा बने ‘आसनों’ और ‘क्रियाओं’ को इस तरह से चुना गया है जिससे विभिन्न आयुवर्ग और स्वास्थ्य स्थिति आदि वाले विविध समूह के लोग अधिकाधिक स्वास्थ्य लाभ उठा पायें।
आइए हम योग प्रोटोकॉल का पालन करें और योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाने का संकल्प लें।


विकासशील देशों के बीच ऊर्जा दक्षता ज्ञान विनिमय कार्यक्रम
11- 15 जून, 2018 | नई दिल्ली, भारत

ऊर्जा दक्षता में साउथ-साउथ नॉलेज एक्सचेंज (एसएसकेई) प्रोग्राम को एक सहयोगी मंच के रूप में डिजाइन किया गया है, जो दक्षिण एशियाई क्षेत्र के देशों को उनके संबंधित देश में ऊर्जा दक्षता और मांग प्रबंधन कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने की उनकी क्षमता का विस्तार करने के लिए ज्ञान विनिमय और सीखने का अवसर प्रदान करे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व बैंक समूह के ऊर्जा दक्षता कार्यक्रमों के संचालकों के समुदाय और दक्षिण एशियाई क्षेत्र के देशों के हितधारकों तथा कोरिया के ऊर्जा दक्षता उद्योग और समुदाय के बीच संपर्क को बढाना है जिसकी अगुवाई कोरिया में कोरिया एनर्जी एजेंसी और भारत में ईईएसएल तथा ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी कर रही है। इस ज्ञान विनिमय का समग्र जोर ऊर्जा दक्षता के वित्तपोषण, कार्यान्वयन और वितरण पर है। यह परियोजना कोरिया-विश्व बैंक भागीदारी फैसिलिटी द्वारा वित्त पोषित है।.

एसएसकेई कार्यक्रम डाउनलोड करें – ऊर्जा दक्षता – नई दिल्ली जून 2018


ग्राम स्वराज अभियान का राष्ट्रीय शुभारंभ

ईईएसएल छह ग्रामीण सशक्तिकरण योजनाओं के साथ तारतम्यता स्थापित करते हुए ग्रामीण समुदायों के बीच उजाला के कार्यान्वयन में तेजी लाकर जिंदगियों को रोशन कर रहा है। उजाला भारत के 16,000 गांवों में ऊर्जा-दक्ष एलईडी बल्ब वितरित करता है।

शुभारंभ की तारीख: 14 अप्रैल 2018

भारत सरकार ने ग्रामीण समुदायों के बीच सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने और विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं और पहलों के बारे में उन्हें जानकारी देने के लिए ग्राम स्वराज अभियान का शुभारंभ किया है। यह अभियान 14 अप्रैल से पांच मई 2018 के बीच पूरे भारत के 16,000 गांवों में लागू किया जाएगा।

इस पहल के हिस्से के रूप में, अधिक संख्या में निम्न आय वाले घरों वाले देश के 16,000 गांवों में लोग उन्नतम ज्योति बाई अफोर्डेबल एलईडी फोर ऑल यानी उजाला कार्यक्रम के तहत 50 रुपये की विशेष कीमत पर एलईडी बल्ब खरीद सकेंगे। एलईडी बल्ब पारंपरिक बल्बों की तुलना में घरों को ऊर्जा दक्ष, उच्चतम तरीके से प्रकाशित करेंगे।

पूरे भारत में उजाला वैन को हरी झंडी दिखाकर इस पहल का उद्घाटन किया गया। कुल मिलाकर 1,300 वैन ऊर्जा दक्षता, ऊर्जा संरक्षण और एलईडी बल्बों के वितरण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए देश के 16,000 गांवों की यात्रा करेंगे। इस अवधि में वितरित किए जाने वाले एलईडी बल्बों के बॉक्स पर ग्राम स्वराज अभियान का लोगो होगा।

भारत के माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया गया,उजाला कार्यक्रम आवासीय स्तर पर ऊर्जा दक्ष एलईडी प्रकाश व्यवस्था के उपयोग को बढ़ाकर ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देता है। उजाला कार्यक्रम को लागू करते हुए , भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण वाले एक सुपर एस्को एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड ने घरेलू उपभोक्ताओं को बेहतर गुणवत्ता वाले एलईडी बल्ब वितरित किए हैं, जिससे वे पारंपरिक बल्बों की तुलना में 90 प्रतिशत तक की ऊर्जा बचत कर सकते हैं।


ऊर्जा दक्षता में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी, 2017
(इंस्पायर-2017)
27 नवंबर से 01 दिसंबर, 2017 | जयपुर, राजस्थान, भारत

इंस्पायर 2017 भारत में पहली बार आयोजित ऊर्जा दक्षता आयोजन है, जिसने विभिन्न नीति निर्माताओं, नवप्रवर्तकों, फाइनेंसरों, परिवर्तनकारियों और हितधारकों को एक साथ लेकर आया ताकि परिवर्तनकारी नीतियों, बड़े पैमाने पर कार्यान्वयन, वित्तपोषण मॉडल और भारत तथा पूरी दुनिया के अधिक प्रभाव वाले अनुसंधान पहलों के सर्वोत्तम तरीकों का प्रदर्शन हो। इंस्पायर 2017 एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन है, जिसमें ऊर्जा दक्ष प्रौद्योगिकियों, नीतियों और उनके वित्तपोषण में नवाचार और कार्यान्वयन के सर्वोत्तम तरीकों को प्रदर्शित किया गया। ऊर्जा दक्षता समुदाय के लिए यह प्रमुख सम्मेलन एक ऐसा मंच प्रदान करता है जहां ऊर्जा दक्षता नीतियों, बाजार परिवर्तन रणनीतियों, उभरती प्रौद्योगिकियों, वितरण और व्यापार-मॉडल संचालित परिवर्तनों पर चर्चा पेशेवर अध्ययनों और विचारोत्तेजक संवाद द्वारा सुलभ विश्लेषणात्मक ढांचे के भीतर हो सकती है। वैश्विक और राष्ट्रीय विचारकों और कार्यान्वयनकर्ताओं के इस पांच दिवसीय संगम को ऊर्जा दक्षता और प्रेरक विचारों तथा समाधानों से संबंधित दृष्टिकोण का विस्तार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो ऊर्जा दक्षता की पूरी क्षमता का लाभ उठाने और इसके कई सह-लाभ को सामने लाने में मदद करेंगे।

अधिक जानकारी के लिए,http://inspire.ind.in/ पर इंस्पायर 2017 वेबसाइट देखें


वैश्विक पर्यावरण सुविधा – 6 (जीईएफ 6)
“ऊर्जा दक्षता के लिए बाजार सृजन एवं सततता” और ” डिस्ट्रिक्ट एनर्जी इन सिटी “

बुधवार, 01 नवंबर, 2017
| ल मेरेदां, विंडसर प्लेस, नई दिल्ली, 110001, भारत

ईईएसएल ने वैश्विक पर्यावरण सुविधा (जीईएफ) के साथ भागीदारी की है, जिसने ऊर्जा दक्षता पर ध्यान केंद्रित करते हुए ईईएसएल को कम उत्सर्जन वाली अर्थव्यवस्था में भारत के परिवर्तनकारी बदलाव में अग्रणी भूमिका निभाने में सक्षम करने के लिए लगभग दो करोड़ डॉलर का अनुदान प्रदान किया है। यह परियोजना, ऊर्जा दक्षता के लिए बाजार का सृजन करने और उसकी सततता बनाये रखने के लिए, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी), एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और जर्मन केएफडब्ल्‍यू सहित कई तकनीकी और वित्तपोषण भागीदारों को 43 करोड़ डॉलर के पैकेज साथ लाती है, जिसका लक्ष्य वर्ष 2022 तक करीब छह करोड़ टन कार्बन उर्त्सजन में कमी लाना और 3.83 करोड़ गीगाजूल्स ऊर्जा बचत करना और वर्ष 2032 तक 13.75 करोड़ गीगाजूल्स ऊर्जा बचत करना है।

अधिक जानकारी के लिए, जीईएफ की वेबसाइट https://www.thegef.org/project/creating-and-sustaining-markets- energy-efficiency पर जायें।


GEF-5 (Global Environment Facility-5)
Promoting Market Transformation for Energy Efficiency in Micro, Small
& MediumEnterprises

The GEF-5 project focuses on improving energy efficiency in the MSME industrial sector of India via continued capacity building, information dissemination, and establishment of standard operating procedures
for implementing energy efficiency (EE) investment projects. Due to the evolving needs of the market, the Indian Government and UNIDO have decided that it will be more beneficial to the sector to change
the focus of support mechanisms for energy efficiency in the MSME industry in order to stimulate longer-term sustainable change in market mechanisms and behaviour.

To be more precise, the overall project objective is to promote the implementation of energy efficiency in the MSME sector; to create and sustain a revolving fund mechanism to ensure replication of energy efficiency
measures in the sector; and to address the identified barriers for scaling-up energy efficiency measures and consequently promote a cleaner and more competitive MSME industry in India. Here, GEF being the
funding agency has partnered with UNIDO as implementing body, Ministry of MSME as leading executing agency and EESL as the main Executing partner, in order to achieve the desired objective in a time span
of 36 months. Total cost reserved for this project is 31.3million USD.

The proposed project has 3 substantive components:

  • Component 1: Programme to identify energy intensive clusters and replicable technologies.
  • Component 2: Demonstration projects and aggregation of demand for demonstrated technologies in the clusters; and
  • Component 3: Financing models to support replication of energy efficiency projects in MSMEs.

 

Incomponent 1, a total of 10 energy intensive clusters have already beenidentified based on the mentioned objective criteria. The list of the clustersshortlisted include- Jodhpur-Limestone, Varanasi-Brick Kiln,
Vapi-Chemical & Dyes, Surat- Textile,Morbi-Ceramic, Vellore-Rice Mill, Jorhat-Tea, Odisha-Sponge Iron, andBatala/Jalandhar/ Ludhiana-Casting & Forging and Pali Textile cluster.Also, 33 technologies
have been singled out that have maximum impact on thecluster as a whole.

Forcomponent 2, the project will short-list 100 LSPs and unit level technicalpersonnel in installation, operations and maintenance of the technologiesdemonstrated. This will be done through cluster level workshops
on thetechnologies being demonstrated and a LSP coordination mechanism shall beestablished through the PMU. Furthermore, a peer to peer network will beestablished to analyze and validate the energy savings
information from thedemonstration projects. This network will include local technology experts,LSPs, representatives of MSME Associations at the cluster level, etc. This willnot only enhance the credibility
of the results, but also foster informationexchange amongst industrial enterprises and encourage new enterprises. The networkwill be an interactive platform managed by the EESL PMU engaged experts.Results
from the project demonstrations will be developed into case studies andshared through the established network. The network will also be used to enlistMSME units for replication and scaling up activities.
What’s more- MSME units will be shortlisted to implementtechnology demonstration of the identified technologies. The units will beselected based on their availability and willingness to share technicaland
commercial data, provide access to other units for technologiesimplemented, etc. The demonstration will include customization of thetechnologies to suit the requirements of the units. The demonstration oftechnology
shall involve replacing the energy inefficient systems with the mostenergy efficient system. Following the demonstration activities, EESL willaggregate the demand with a target to reach out to about 400
units in theclusters where implementation of technical proposals is possible. Theinvestments in these units will be done by EESL through its own funds (equityfrom its own sources) or commercial loans from
SIDBI and/or other banks, or byan ESCO which will be arranged/facilitated by EESL with financial assistancefrom schemes of the Ministry of MSME.

In the final component i.e. 3, sustainable and effective financing mechanismswill be established to support the replication of Energy Efficiency projects inMSMEs. In order to achieve this objective, officials
from government agencies(Ministry of MSME, MOEF, MOP, etc.) and private banks/financial institutionswill be sensitized on promoting EE equipment and trained on evaluating andinvesting in industrial EE projects.
And, to ensure that the replication of theEE projects in the MSME sector continues beyond the GEF project, a RevolvingFund will be set up to sustain the activity. The EESL MSME Revolving Fund(EMRF) will
be seeded with the GEF grant, to be disbursed to industrial MSMEUnits and will be accredited by a portion of the returns that EESL will receivefrom implementing the project. The objective of this model will
be to reducethe transaction costs of MSME units, to be undertaken by the SMEIP-E; for this,financial arrangements with FIs/banks will be worked out by EESL. The modelswill work on the principle of “Pay-As-You-Save”
(PAYS) where regular paymentsto EESL/ESCO will be done by the units after installation of the technology.

Presently, 7 Baseline Surveys , 5 videographic studies have be conductedin the shortlisted clusters. The sole purpose of these studies was to capturethe present scenario and the pulse of the industry for the
upcoming project. Inaddition to this, 5 insightful workshops have been conducted in Surat, Vapi,Jodhpur, Odisha and Ludhiana clusters to generate maximum awareness among the targetgroup of beneficiaries.

This project will prove to be a boon for the MSME units who have beenwaiting long to switch over the Energy Efficient alternatives.

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GEF-5 Project Brochure