स्‍ट्रीट लाइट नेशनल प्रोग्राम (एसएलएनपी)

एसएलएनपी कार्यक्रम

एसएलएनपी कार्यक्रम Programme

निगरानी प्रणाली

देश की स्ट्रीट लाइटिंग राष्ट्रीय कार्यक्रम की अगुवाई करते हुए ईईएसएल द्वारा निष्पादित एसएलएनपी ने वर्ष 2019 तक 1.4 करोड़ स्ट्रीट लाइट के स्थान पर ऊर्जा दक्ष एलईडी बल्ब लगाने का लक्ष्य रखा है।

किसी विशिष्ट परियोजना के लिए ऊर्जा बचत विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जिसमें मौजूदा लाइटिंग प्रौद्योगिकी, लाइटिंग की नई प्रौद्योगिकी, नियंत्रण रणनीति और बल्ब को बदलने के दौरान रोशनी के स्तर को चार्ज करना शामिल है। दक्षता और लाभ की दर को बढ़ावा देने वाली भविष्य की तैयार तकनीक की ईईएसएल की दृष्टि के अनुरूप, ईईएसएल के एलईडी लैंप में एक केंद्रीय नियंत्रण निगरानी प्रणाली (सीसीएमएस) है, जिससे दूर से ही स्ट्रीट लाइट की निगरानी और उसका संचालन होता है।

यह निगरानी प्रणाली यह सुनिश्चित करती है कि सूर्य के अस्त होते ही स्ट्रीट लाइट अपने आप ऑन हो जाये और सुबह होने के बाद बंद हो जाये। यह प्रणाली ऐसे प्रत्येक लाइट के लिए अलर्ट भी भेजती है, जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है और जिसे अचानक मरम्मत की जरूरत है। बिजली की कम खपत से बिजली की बची हुई क्षमता का पता लगाया जा सकता है। यह प्रणाली ऊर्जा की सही खपत पर भी ध्यान देती है, जिसका उपयोग भुगतान की जाने वाली लागत को परिभाषित करने के लिए किया जाता है।

एसएलएनपी के बारे में

स्‍ट्रीट लाइट नेशनल प्रोग्राम (एसएलएनपी):

ईईएसएल द्वारा संचालित राष्ट्रीय स्ट्रीट लाइटिंग कार्यक्रम (एसएलएनपी) ने पारंपरिक स्ट्रीट लाइटों के स्थान पर ऊर्जा-कुशल एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाकर पूरे भारत में सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था के बुनियादी ढाँचे में उल्लेखनीय सुधार किया है । इस परिवर्तन से सड़क सुरक्षा बढ़ी है, रात्रिकालीन दृश्यता में सुधार हुआ है और समाज में सुरक्षा की भावना बढ़ी है। राज्य सरकारों को ऊर्जा और लागत में उल्लेखनीय बचत का लाभ मिला है, जिससे सार्वजनिक धन का प्रभावी उपयोग संभव हुआ है।

जून 2025 तक लगभग 1.32 करोड़ एलईडी स्ट्रीट लाइटों की स्थापना के साथ, एसएलएनपी ने न केवल कार्बन उत्सर्जन में कमी की है, बल्कि एक स्वच्छ और हरित पर्यावरण में भी योगदान दिया है। यह राष्ट्रीय कार्यक्रम जन कल्याण पर प्रत्यक्ष प्रभाव डालने वाले सतत विकास का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।