देश की स्ट्रीट लाइटिंग राष्ट्रीय कार्यक्रम की अगुवाई करते हुए ईईएसएल द्वारा निष्पादित एसएलएनपी ने वर्ष 2019 तक 1.4 करोड़ स्ट्रीट लाइट के स्थान पर ऊर्जा दक्ष एलईडी बल्ब लगाने का लक्ष्य रखा है।
किसी विशिष्ट परियोजना के लिए ऊर्जा बचत विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जिसमें मौजूदा लाइटिंग प्रौद्योगिकी, लाइटिंग की नई प्रौद्योगिकी, नियंत्रण रणनीति और बल्ब को बदलने के दौरान रोशनी के स्तर को चार्ज करना शामिल है। दक्षता और लाभ की दर को बढ़ावा देने वाली भविष्य की तैयार तकनीक की ईईएसएल की दृष्टि के अनुरूप, ईईएसएल के एलईडी लैंप में एक केंद्रीय नियंत्रण निगरानी प्रणाली (सीसीएमएस) है, जिससे दूर से ही स्ट्रीट लाइट की निगरानी और उसका संचालन होता है।
यह निगरानी प्रणाली यह सुनिश्चित करती है कि सूर्य के अस्त होते ही स्ट्रीट लाइट अपने आप ऑन हो जाये और सुबह होने के बाद बंद हो जाये। यह प्रणाली ऐसे प्रत्येक लाइट के लिए अलर्ट भी भेजती है, जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है और जिसे अचानक मरम्मत की जरूरत है। बिजली की कम खपत से बिजली की बची हुई क्षमता का पता लगाया जा सकता है। यह प्रणाली ऊर्जा की सही खपत पर भी ध्यान देती है, जिसका उपयोग भुगतान की जाने वाली लागत को परिभाषित करने के लिए किया जाता है।
माननीय प्रधानमंत्री ने स्ट्रीट लाइट नेशनल प्रोग्राम (एसएलएनपी) के तहत पांरपरिक स्ट्रीट लाइट के स्थान पर ऊर्जा दक्ष एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाने के लिए 5 मार्च, 2015 को इस परियोजना का शुभारंभ किया।
इस कार्यक्रम के तहत ईईएसएल अपनी लागत पर (नगर निगमों के निवेश की जरूरत के बगैर) पांरपरिक स्ट्रीट लाइट के स्थान पर ऊर्जा दक्ष एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाता है, जिससे नगरनिगमों को ऊर्जा और रखरखाव लागत में बचत होती है। नगरनिगम इसका भुगतान को एक अवधि के अंदर ईईएसएल को करते हैं। आमतौर नगरनिगमों के साथ ईईएसएल का करार सात साल का होता है, जहां यह न सिर्फ ऊर्जा बचत (आमतौर पर 50 फीसदी) की गारंटी देता है बल्कि यह नगरनिगम पर बिना कोई अतिरिक्त शुल्क लगाये उस अवधि में खराब हुए बल्बों को बदलता है और स्ट्रीट लाइट का रखरखाव भी करता है।
ईईएसएल ने पूरे देश में शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) और ग्राम पंचायतों में 1.09 करोड़ एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाये हैं। इससे प्रतिवर्ष 7.34 अरब किलोवाट प्रतिघंटे की अनुमानित ऊर्जा बचत हुई है और 1,222 मेगावाट की पीक डिमांड में कमी आयी है तथा 50.5 लाख टन कार्बन उर्त्सजन में कमी आयी है। इससे नगरनिगमों को बिजली बिल के रूप में प्रति वर्ष 5,130 करोड़ रुपये की अनुमानित बचत हुई है।
एसएलएनपी के तहत अब तक 1,508 शहरी स्थानीय निकायों को नामित किया गया है, जिनमें से 972 निकायों में काम पूरा हो चुका है।
ईईएसएल ग्रामीण क्षेत्रों में दक्ष लाइटिंग व्यवस्था के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नगरपालिकाओं के एसएलएनपी के समान सेवा मॉडल पर ग्राम पंचायतों में एलईडी स्ट्रीट लाइटिंग परियोजनाओं को भी लागू कर रहा है। अब तक ईईएसएल ने आंध्र प्रदेश, झारखंड, गोवा और तेलंगाना के ग्रामीण इलाकों में 26 लाख एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाई हैं।
मौजूदा बुनियादी ढांचे के विस्तृत सर्वेक्षण के बाद एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं। सर्वेक्षण के तहत बुनियादी ढांचा अंतराल, भंडार का सत्यापन और सीसीएमएस(केन्द्रीकृत नियंत्रण और निगरानी प्रणाली) को स्थापित करने के लिए लोकेशन की मैपिंग की गयी।