सरकारी नामित निदेशक, विद्युत मंत्रालय
श्री धीरज कुमार श्रीवास्तव
भारत सरकार नामित निदेशक, विद्युत मंत्रालय
धीरज कुमार श्रीवास्तव, सीपीईएस (CPES),
शैक्षणिक योग्यता: बी.ई. (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग), वर्ष 1993
श्री श्रीवास्तव ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के माध्यम से वर्ष 1998 में केंद्रीय विद्युत अभियांत्रिकी सेवा (Central Power Engineering Services – CPES, ग्रुप ‘A’ अधिकारी संवर्ग) में शामिल होकर सेवा प्रारंभ की। उन्होंने निम्नलिखित पदों पर कार्य किया है:
• सहायक निदेशक, पावर सिस्टम ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (PSTI), बेंगलुरु
• सहायक कार्यपालक अभियंता, उत्तर-पूर्वी क्षेत्रीय विद्युत समिति (NERPC)
• उपनिदेशक, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA)
• अधिकारी विशेष कार्य (OSD), पावरग्रिड
• निदेशक, राष्ट्रीय विद्युत समिति
• निदेशक (प्रेषण), विद्युत मंत्रालय
• विद्युत निरीक्षक, भारत सरकार (उत्तरी क्षेत्र)
वर्तमान पदस्थापना: मुख्य अभियंता, ऊर्जा संरक्षण एवं ऊर्जा संक्रमण, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार
पूर्व में निभाई गई प्रमुख भूमिकाएं:
• वर्ष 2003-04 के दौरान देश के विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धता आधारित टैरिफ (Availability Based Tariff – ABT) के कार्यान्वयन में अहम भूमिका।
• वर्ष 2010 में लोड डिस्पैच केंद्रों के रिंग फेंसिंग के अंतर्गत प्रशिक्षण संस्थानों की मान्यता के लिए दिशा-निर्देशों का निर्माण।
• वर्ष 2013 में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की ग्रिड से जोड़ने संबंधी विनियमों में संशोधन और वितरित उत्पादन संसाधनों की ग्रिड कनेक्टिविटी पर नए विनियमों का निर्माण।
• वर्ष 2012 से 2015-16 के दौरान केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) द्वारा बनाए गए उपकेंद्र/लाइन संचालन एवं अनुरक्षण विनियम, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की ग्रिड कनेक्टिविटी, दिल्ली आइलैंडिंग योजना तथा उत्तर प्रदेश, पंजाब आदि राज्यों की आइलैंडिंग योजनाओं का निर्माण।
• 30 और 31 जुलाई, 2012 को हुई ऐतिहासिक ग्रिड विफलता की जांच के लिए गठित ग्रिड जांच समिति में नोडल अधिकारी।
• सभी ग्रिड सुरक्षा विषयों, अंतर-क्षेत्रीय संचालन एवं व्यावसायिक मुद्दों के लिए उत्तरदायी।
• दीर्घकालीन ग्रिड सुरक्षा उपायों के लिए विद्युत प्रणाली का आपातकालीन स्थिति में अध्ययन करने हेतु गठित केंद्रीय स्तर कार्यबल के सदस्य सचिव।
• बिजली आपूर्ति सुरक्षा विनियमों एवं विद्युत संयंत्रों और लाइनों के निर्माण विनियमों में संशोधन।
• देश में पहली बार केंद्रीय स्तर पर थर्मल पावर प्लांटों के व्यापक सुरक्षा ऑडिट का संचालन।
• नवीकरणीय ऊर्जा को ग्रिड में जोड़ने के लिए ग्रिड सुदृढ़ीकरण, रिकॉर्ड नवीकरणीय क्षमता वृद्धि, तथा प्रेषण के लिए मानक बिडिंग दस्तावेजों को आगे बढ़ाया।
• थर्मल पावर प्लांट में बायोमास उपयोग हेतु राष्ट्रीय मिशन की संकल्पना और क्रियान्वयन – जिससे विद्युत उत्पादन की कार्बन उत्सर्जन तीव्रता में कमी लाई जा सके।
• नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण के लिए थर्मल पावर प्लांटों के लचीले संचालन हेतु विनियमों का निर्माण।
श्री धीरज कुमार श्रीवास्तव को दिनांक 26.06.2024 से एनर्जी एफिशिएसी सर्विसेज़ लिमिटेड (EESL) के निदेशक मंडल में विद्युत मंत्रालय की ओर से नामित निदेशक नियुक्त किया गया है।